Hindi Shayari:- तुफान ज्यादा हो तो कश्तियां डूब जाती हैं,और घमंड ज्यादा हो तो हस्तियां डूब जाती है.।।
अब तुम्हारे अहसासों की खुशबू मुझे मदहोश करती है...
*जिन्दगी ने पूछा
सपना क्या होता है?
हकीकत बोली
बंद आंखों मे जो अपना होता है,
खुली आंखों मे वही सपना होता है।
*सच कहा था एक फ़क़ीर ने मुझसे,,,
तुझे मोहब्बत तों मिलेगी लेकिन तड़पाने वाली...
*माना की बदल गये अंदाज़े
मोहब्बत वक्त के साथ,
लेकिन दिल चुराने का ज़रिया
आज भी आँखे ही हैं।
*दुनिया की सबसे बड़ी खुशी है
अपने प्यार को खुश देखना...!!
*वक्त और आवाज का लहजा
एक पल में बता देता है कि...
प्यार कितना गहरा है
*उसकी बातें खाए जाती है मुझे,
वो जो कहती थी में सिर्फ तुम्हारी हूं ..
*हमारे बेइंतेहा मुहोब्बत के इम्तिहान तुम चाहे जितने लेलो,
हम कल भी बाजीगर थे हम आज भी बाजीगर हैं।
*क़त्ल न करो, बस मोहब्बत करके छोड़ दो,
किसी दिलजले से पूछ लो, ये भी सज़ा-ए-मौत है
*पल-पल प्यार का वादा है तुमसे...
अपनापन कुछ ज्यादा है तुमसे...
*ये ना सोचना की भूल जायेंगे हम तुमको...
जिंदगी भर साथ निभाने का वादा है तुमसे...
*सदियों पाकीज़ा रहते हैं नफरतों के रिश्ते,
बदन से कपड़े मोहब्बत में ही उतरते हैं ..
*खुशीयॉ आये जिंदगी मै तो चख लेना मिठाई समझ कर
जब गम आये तो वो भी कभी खा लेना दवाई समझ कर!!
*इश़्क करो तो बेहिसाब करो
बिछड़ना तो एक दिन जाहिर है,
*जो बेइन्तहा चाहत से रुह में उतर जाए
सिर्फ़ वही मोहब्बत में माहिर है।
*तेरी मुस्कान ने मुझे लूटा है
कमाल ये है कि
तेरा मुस्कुराना भी झूठा है।
*हम भी पड़े तेरे दिल जैसे
सरकारी ऑफिस में
फाइलें पड़ी रहती है
*जिसको हमने पायल दिया था उपहार में
वो किसी और के इश्क के जंजीर में बंध गई।
*अब मुझे सपने सुहाने नहीं आते
कोई ख्वाब मुझे लुभाने नहीं आते
रूठा हूं मै कई दिनों से उनसे
अब मुझे वो मनाने नहीं आते।
*हमें खबर है तलब तुम्हें भी लगती है हमारी..
नशा मोहब्बत का तुमने हमसे भी लाजवाब किया है.!
*उतरेगा नहीं तुम्हारा 'रंग ' मुझपर से
होली आती रहेगी होली जाती रहेगी
*यदि कोई आपसे जलता है
तो यह भी एक सफलता है
*"धीरे-धीरे"...बहुत कुछ "बदल" रहां हैं.....
लोग" भी..."रिश्तें" भी और...कभी-कभी "हम" खुद भी.....
*तूफ़ान ज्यादा हो तो कश्तियां डूब जाती हैं,
और घमंड ज्यादा हो तो हस्तियां डूब जाती है.।।
*लगा लेना काजल अपनी आँखों में जरा,
ख्वाब बनकर दाखिल होने का इरादा है मेरा
*ना कर जिद अपनी हद मे रह ए दिल,
वो बड़े लोग है मर्जी से याद करते है।।
*तेरी यादें भी मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं,
तन्हा होता हूँ तो इन्हें लेकर बैठ जाता हूँ।।
*बड़ी गुस्ताख है तुम्हारी याद इसे तमीज सिखा दो,
दस्तक भी नहीं देती और दिल में उतर जाती है
*तबीब यूँ ना कोशिश कर तुझे क्या ख़बर मेरे मर्ज़ की
तू इश्क़ कर फ़िर चोट खा ,फ़िर लिख दवा मेरे दर्द की...!!
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